A Yearly Publication on Auspicious Occasion of Milad Mubarak of 52nd Dai ul Mutlaq His Holiness Dr. Syedna Mohammed Burhanuddin Saheb R.A. (since 89th Milaad Mubarak year 2000) and Milad Mubarak of 53rd Dai ul Mutlaq His Holiness Dr. Syedna Aali Qadr Mufaddal Saifuddin t.u.s.
वार्षिक स्मारिका
‘ शांतिदूत सैयदना ‘ के सफर की शुरुआत
21 साल पहले सन् 2000 में राजस्थान के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र कांठल में , प्रतापगढ के मशहूर पत्रकार , लेखक स्वर्गीय अनुपम परदेशी को विचार आया थी कि क्यों न दाऊदी बोहरा समाज के धर्मगुरू सैयदना साहब के जीवन पर एक स्मारिका प्रकाशित की जाए।और वहीं इसका ताना बाना बुना गया।52 वें धर्मगुरू दाई उल मुतलक हिज़ होलीनेस डॉ सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब रिदवानुल्लाह अलयहे की 89 वीं सालगिरह के मौके पर इसका पहला अंक प्रकाशित हुआ। अनुपम परदेशी ने पहले अंक की प्रति सैयदना साहब को उनके गलियाकोट आगमन पर उन्हें भेंट की। सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब हिंदी में प्रकाशित संस्करण को देख कर बहुत खुश हुए और उन्हें अपना आशीर्वाद दिया।
सैयदना साहब के आशीर्वाद से अब तक 22 अंक प्रकाशित हो चुके हैं।इससे जुड़े शेख़ मोहम्मद हुसैन 'आसिफ़' एवम् पत्रकार,लेखक असगर अली को भी सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब एवम् 53 वें धर्मगुरू सैयदना आलीकद्र मुफद्दल सैफुद्दीन साहब को अनेकों बार ' शांतिदूत सैयदना ' की प्रति भेंट करने का अवसर मिला है।
52वें धर्मगुरू मुकद्दस सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन रि. अ. अब हमारे बीच नहीं हैं। 102 वर्ष की लंबी उम्र में 17 जनवरी 2014 को उन्होंने अंतिम सांसे ली।उनके वालिद 51वें दाई उल मुतलक मुकद्दस सैयदना ताहेर सैफुद्दीन ने 19 वर्ष की आयु में उन्हें अपना उत्तराधिकारी बनाया। 1965 में उनकी वफात के बाद सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब दाई बने।और 50 साल तक अपनी कौम की रहनुमाई की।
विश्व में शांतिदूत सैयदना का जीवन एक मिसाल के तौर पर देखा जाएगा। उन्होंने अपने समाज में व्याप्त बुराइयों को बाहर कर और अच्छाइयों के बीज बोकर जो शुरुआत की।उसके फलस्वरूप विश्व में पूरे समाज का नाम आदर से लिया जाता हैं। मोहब्बत एवम् ईमानदारी का पैगाम उन्होंने दिया हैं।इस देश की तरक्की में मुट्ठीभर बोहरा समाज के लोगों ने अपना अहम योगदान दिया हैं। बोहरा समाज को व्यापारी कौम से पहचान बनाने,ब्याज मुक्त लेन-देन करने एवम् दूसरों के दुःख दर्द में अपना सहयोग करने ,छोटे बड़े का भेदभाव किए बिना कई अहम कार्यों की वजह से उन्होंने समाज में एकता का बीज बोया हैं।उनके इस निरालेपन को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
शांतिदूत सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन साहब ने अपने देश ही नहीं पूरे विश्व को शांति का संदेश दिया हैं। उन्होंने दुनियां के कई देशों की यात्रा कर यही संदेश दिया हैं कि दुनियां में अमन चैन , भाईचारा बना रहें।एक दूसरे के बीच मोहब्बत पैदा हों। सभी तरक्की की मंज़िल पर कामयाब हो। नफरत की दीवारें तोड़ते हुए अंतर्राष्ट्रीय सद्भाव का वातावरण बने।एक मिसाल कायम हों।
दाऊदी बोहरा समाज के 52 वें धर्मगुरू मुकद्दस सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन के पुत्र एवम् उत्तराधिकारी 53 वें धर्मगुरू सैयदना आलीकद्र मुफद्दल सैफुद्दीन साहब महान विचारों, उच्च आदर्शों और सिद्धांतो के धनी हैं। जिन्होंने वर्तमान में विश्व शांति, सह - अस्तित्व , इंसानियत, भाईचारा और आत्मिक शांति का संदेश दिया हैं। मानवीयता, शिष्टाचार,एकता एवम् एक दूसरे के प्रति सद्भावना को बढ़ावा देने का समर्थन करते हैं। अपनी सरपरस्ती में समाज को एक नई दिशा दी हैं।
'शांतिदूत सैयदना' स्मारिका के ई -प्रकाशन के माध्यम से उनके संदेश , उपदेशों को जन जन पहुंचाना यहीं इसका मक़सद हैं।